एक आकड़ा (कमलेश साहू)
बीजेपी शानदार जीत कर छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने जा रही है लेकिन सरकार बनते ही उसके सामने कम से कम 50 हजार करोड़ इंतजाम करने की चुनौती होगी क्योंकि पार्टी ने कई बड़ी घोषणाएं अपने मेनिफेस्टो में रखी है इस घोषणाओं के कारण बीजेपी को वोट महिलाओं से मिला या किसानों से मिला एवं छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों से मिला और अब इसकी तैयारी मंत्रालय में भी हो रही है जैसे ही बीजेपी सरकार शपथ ग्रहण करेगी वैसे ही सामने कई सारी चुनौती होगी और आगे देखिए की सरकार बनते ही कितना खर्च और कितना भोज सरकार के ऊपर आने वाला है क्यों क्योंकि आगे देखिए सरकार 5 महत्वपूर्ण घोषणा किया है।
पिछले 2 साल का बोनस देने की बात कही गई है जिस पर लगभग 3 हजार 6 सौ करोड़ का भार आएगा इसके अलावा प्रति कुंटल ₹3100 धान का समर्थन मूल्य देने की बात कही है इसके लिए लगभग 40 हजार 3 सौ करोड़ इंतजाम करने होंगे एमएसपी के आधार पर खरीदी के लिए लगभग 30 हजार करोड़ समर्थन मूल्य धान खरीदी के लिए मार्कफेड इंतजाम कर लेगा लेकिन करीब 11 हजार करोड़ सीधे-सीधे राज्य बजट में करना होगा इन दो घोषणाओं को ही पूरा करने में ही लगभग 44 हजार करोड़ का इंतजाम करना होगा हालांकि भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि मोदी की गारंटी है तो पूरी होगी जरूर। अब आते हैं महतारी बंधन योजना पर छत्तीसगढ़ राज्य में करीब 60 लाख महिलाएं हैं प्रत्येक महिला को 1हजार रुपए महीने देने पर लगभग 600 करोड़ का पर महीने का खर्च आएगा इसका इंतजाम करना होगा क्योंकि अगली बजट से पहले तीन महीने का सरकार को करीब 1हजार 8 सौ करोड़ का इंतजाम करना होगा और एक सबसे बड़ी घोषणाएं सरकार बनते ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ के घोषणा में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास देने की बात कही गई है अगर सरकार देती है तो 18 लाख आवास की पहली किस्त 25 हजार रुपए देने के लिए लगभग 4 हजार 5 सौ करोड़ की आवश्यकता होगी और गैस सब्सिडी योजना के तहत राज्य के सभी महिलाओं को 500 रुपए में गैस देने का वादा किया है फिलहाल गैस सिलेंडर 974 रुपए में मिल रहा है 500 रुपए में देने के लिए 474 रुपए की सब्सिडी देनी होगी। प्रदेश में बीपीएल कार्ड की लगभग 36 लाख किसान है। यानी 1 महीने देने के लिए 1 सौ 70 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी अगला बजट 3 महीने बाद है या नहीं 3 महीने के लिए अनूपुरक बजट पास होते ही 5 सौ 10 करोड़ की बजट पास करनी होगी। की 5 घोषणा को पूरा करने के लिए सरकार को कम से कम 50 हजार करोड़ की व्यवस्था करनी होगी।