सूरजपुर| सूरजपुर जिले के रामानुजनगर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत भरूहामुड़ा मे पंचायत सचिव के द्वारा लगातार सचिवालय नहीं लगाने की वजह से पंचायत का कार्य ठप पड़ गया है,
विदित हों की ग्राम पंचायत भरुहामुड़ा के पंचायत सचिव के द्वारा न तो पंचायत भवन नियमित खोला जा न है पंचायत के लोगों के लोगों और जनहित पर विकास कार्य के लिए बनया गया कार्य योजना का संचालन धरातल पर नहीं कर पा रहा है जिससे यहां का विकास अधर मे लटका हुआ है।
उल्लेखनीय है की पंचायत सचिव के द्वारा लगातार अनुपस्थित रहने से कई तरह की योजनाओ से वँचित हों रहे हित ग्राहियों ने यह आरोप लगा बताया की वर्तमान समय मे महतारी वंदन योजना से वँचित हों चुके, वहीं कई तरह की पेंशनधास्रियों, को भी परेशानी हों रही, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र सहित आवश्यक कार्यों के लिए भी सचिव के द्वारा कार्य नहीं किया जाता है, और शाशन प्रसासन द्वारा उन्हें नियमित मानदेय भुकतान कर दिया जा रहा है, जबकि गांव के सरपंच सहित पंचो और ग्रामीणों ने इस संबंध मे कलेकटर, जिला पंचायत एवं जनपद के सी ई ओ से लिखित शिकायत करते हुए उक्त सचिव के विरूद्ध वैधानिक कसर्यवाही की मांग किया गया, तथा ग्रामीणों ने सचिव को किसी अन्य पंचायत मे स्थातरण की भी मांग किया लेकिन जिला प्रसाशन द्वारा आज तक उक्त सचिव के विरूद्ध न तो कार्यवाही हुई न उसका स्थातरण ही किया गया, जिससे सचिव हिटलर शाही और अपने को ऊंचा पकड़ का हवाला देकर मनमानी तरीके से ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य को बहिष्कार कर रहा है जिससे गांव मे जनहित संबंधित सहित नीजी लाभ न तो महिलाओं को मिल पाता न ही और किसी को
मुलभुत एवं पंद्रहवा वित्त योजना के तहत कार्य योजना मे संधारित कार्य विगत दो वर्षो से अपूर्ण है, न नाली बना, न सीसी सड़क, न हेंड पम्प न ही टूटे हुए पाईप पुलिया न स्कूल मे सुरक्षा हेतु अहाता निर्माण कराया गया है, संयुक्त हास्ताक्सर के अभाव मे विकास कार्य ठप है सरपंच सचिव के आपसी समान्यजस नहीं होने के कारण न तो राशि आहरण होता है न ही गांव मे विकास कार्य हों पा रहा है, जिसकी शिकायत सरपंच व पंचो ने किया है लेकिन सरपंच के हिटलर शाही नीति के कारण गांव मे सम्पूर्ण कार्य प्रभावित हों चूका जिससे आलम यह है की गांव मे कई हेंड पम्प खराब हों गया लेकिन पैसा आहरण मे हों रहा दिक्क़त के कारण ग्राम पंचायत के लोगों ने अपनी गुहार लगाई लेकिन उच्च अधिकारियों के संज्ञान मे आने के बाद भी आलम वहीं है, अधिकारियों के संरक्षण से सचिव अपनी हिटलर शाही चला रहे पंचायत मे जिससे गांव के समस्त विकास कार्य ठप है, जिम्मेदार अधिकारी ना सचिव के विरूद्ध कार्यवाही करते ना ही उसका स्थातरण।
जिससे सचिव अपने मनमानी तरीके से पंचायतों की कार्यो मे रूचि नहीं लेता और हर माह नियमित रूप से अपना मासिक वेतन ले रहा लेकिन इस पर जनपद शीर्ष अधिकारी चुप्पी साध लिए है, ऐसे मे गांव के लोगों के मन मे अधिकारियो के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है, कब सचिव का स्थातरण किया जाएगा, और कबतक जनहित और नीजी ग्रामीणों का नीजी कार्य कराया जायेगा यह एक बड़ी विडंबना है।