सूरजपुर| शहर से लेकर ग्रामीण अंचलो तक हो रही अघोषित बिजली की धुआंधार कटौती को लेकर हर तरफ हो हल्ला मचा हुआ है। कारण शेड्यूल से काफी कम बिजली आपूर्ति हो रही है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंखे नहीं चलने से गर्मी में पसीना तो रात में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जा रहा है। बिजली गुल होने से वेल्डिग, आरा मशीन, फर्नीचर के व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है। हर दिन हजारों रुपये का डीजल जलाकर दुकानदार अपने आवश्यक कार्य निपटा रहे हैं। हालांकि बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानकर चुप्पी साधे हुए हैं।
लोगों को शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में महज 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है, जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली कटौती का असर अब व्यवसाय पर पड़ने लगा है। कुछ वर्ष से बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के चलते लोग जनरेटर चलाना व इनवर्टर भी लगाना छोड़ दिए थे। लेकिन अचानक बिजली आपूर्ति प्रभावित होते ही वर्षों से न चलने वाले जनरेटर भी इन दिनों जहर उगलने लगे हैं। दिन भर चल रहे जनरेटर के धुआं प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है।
लगातार बिजली की आंख मिचौली चल रही है।वहीं प्रदेश सरकार द्वारा एकतरफा विधुत की दरों में भी बढ़ोतरी की जा रही है। जिसका असर गरीब उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। उन्हें बिजली के बढ़े दरों की मार झेलनी पड़ेगी। प्रतिदिन हो रहे विधुत की कटौती से न तो पंखा, कूलर व एसी चल पा रहे हैं और ना ही मोटर पम्प इत्यादि जिससे पेयजल संकट भी गहराता दिख रहा है। इस अघोषित कटौती को लेकर न तो विधुत विभाग के जिम्मेदार गम्भीर हैं ना ही भाजपा के जनप्रतिनिधि जिससे लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा के विधायक सहित भाजपा नेता अपने-अपने घरों में इन्वर्टर लगा आराम से चैन की नींद सोते हैं, लेकिन आम जन की गर्मी में क्या हालत हो रही है, इससे उन्हें क्या लेना देना है।