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December 12, 2024 8:14 pm

December 12, 2024 8:14 pm

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महीना में एक-दो दिन आती है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

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सरकार भले ही बच्चों को कुपोषड से बचाने करोड़ों खर्च कर रहीं हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इसका लाभ गरीब व कुपोषड के शिकार बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा...

बचरा-पोड़ी| आंगनबाड़ी केंद्रों की देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास परियोजना से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों एवं सेविका, सहायिका पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रहीं हैं लेकिन भ्रष्टाचार व्यवस्था को निगल रही है।

मामला है खड़गवां ब्लॉक के ग्राम पंचायत तोलगा के आंगनबाड़ी पटेलपारा में कई महीना से कार्यकर्ता जय कुमारी नहीं आ रही है। जिससे आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बच्चों को समय पर पौष्टिक आहार भी नहीं मिल पा रहा है। आस-पास के लोगों ने बताया गया कि ओ महीना में एक-दो दिन ही आती है। कार्यकर्ता ना के बराबर ही आगनबाड़ी आती है। इस आंगनबाड़ी में 15 से 18 बच्चे आते हैं।

क्या कहा सहायिका ने- वहाँ के सहायिका से पूछा गया तो  बताया की कार्यकर्ता का कहना है कि आस-पास के दो-चार बच्चों को ले आओ और आंगनबाड़ी में चावल दाल, आलू और सोयाबीन बड़ी रखा हुआ है उसे बनाकर खिला देना तो मैं दो-चार बच्चों को लाकर दाल बनाकर खिलाती हूँ। आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा महीना में एक दिन हरी सब्जी पहुँचाती है और सप्ताह के मंगलवार को आंगनबाडी केंद्र में मोहल्ले की महिलाएं आते हैं तब कार्यकर्ता को फोन करती हूँ। तो उनके द्वारा बोला जाता है आंगनबाडी केंद्र में रेडि-टू-ईट रखा हुआ है उसको सभी को एक-एक पैकेट बांट दो मैं नहीं आप आ रही हूँ।

रिपोर्टर द्वारा तोलगा की सरपंच प्रमिला सिंह को फोन किया गया। लेकिन उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा।

Kamlesh Sahu
Author: Kamlesh Sahu

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