सूरजपुर| छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन ने केंद्र सरकार के नए कानून को वापस लेने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाध्यक्ष राजकुमार देवांगन के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में महासंगठन ने कहा कि संगठन द्वारा पहले भी अवगत कराया जा चुका है कि जिस प्रकार से 25 करोड़ चालक जो दिन रात समाज के लिए सरकार के लिए व देश की जनता के लिए अपनी जान हथेली में लेकर सड़कों पर अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं मगर चालक वर्ग के प्रति किसी का ध्यान नहीं जाता। आए दिन पुलिस, आरटीओ और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है।
चालक वर्ग भी देश का एक हिस्सा है। इस देश के विकास में उनका भी योगदान है। इसलिए देश के 25 करोड़ चालकों का भविष्य और उनके परिवार का जीवन यापन सही तरीके से चले। अगर शांतिपूर्ण तरीके से मांगो को सरकार नहीं मानती है तो ड्राइवरों का आंदोलन उग्ररूप धारण करेगा। महासंगठन की मांग है कि दुर्घटना होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना का काला कानून तुरंत सरकार वापस ले।
देश के समस्त ड्राइवरों के लिए राष्ट्रीय वेलफेयर बोर्ड का गठन करके ड्राइवरों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, बच्चों की पढ़ाई की सुविधाऐं मिले और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा मिले। राष्ट्रीय चालक आयोग का निर्माण किया जाए। देश भर में सरकार की तरफ से ड्राइवर दिवस मनाया जाए। इस दौरान रूपनारायण, विश्वनाथ, रफी अंसारी, कुर्बान, तिलक देव सिंह, चमन पावले, जीतेंद्र रजक, श्रीकांत और संगठन के सभी पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण उपस्थित थे।