विकाश कुमार गुप्ता ( छत्तीसगढ़ न्यूज़ )
उदयपुर – परसा ईस्ट केते बासेन कोल खदान के लिए पेंड्रा मार जंगल को अडानी द्वारा भाजपा सरकार बनते ही प्रसाशन की निगरानी में जंगल के 91 हेक्टेयर के 15307 पेडो की हुई कटाई । जंगल बनी सपाट मैदान बना दिया गया है ।जिसका विरोध पूरे क्षेत्रीय जनता द्वारा किया गया जिसका कोई भी असर नही हुई इसका प्रमुख कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार का गिरना बताया गया ।
गौरतलब है कि उदयपुर में नए कोल्ड माइंस का टेंडर अडानी को दिया गया है । पर इसका कार्य कांग्रेस ली सरकार में रोक लगा दी गई थी ,पर इधर भाजपा की सरकार बनी और पेडो की कटाई सुरु हो गई । सैकड़ो की पुलिस बल तैनात कर प्रसाशन के लोगों द्वारा अंधाधुंध 3 दिनों से पेडो की कटाई कर 91 हेक्टेयर से करीब 15309 पेडो की बलि दे दी गईं और अब यह जंगल सपाट मैदान बन गई है । जंगल की कटाई को रोकने के लिए ग्रामीण सामने आना जरूर चाहे पर प्रसाशन द्वारा चप्पे चप्पे पर पुलिस बल खड़ा कर रखी थी । जिसमे किसी भी बाहरी व्यक्तियों को अंदर जाने नही दिया गया । कटाई किसी भी प्रकार से बाधित न हो इसके लिए प्रशासन ने गांव के आंदोलनकारियों को दो दिन पहले ही अपने पास रख लिया गया था ।
इस सबके बावजूद ग्राम हरिहरपुर में विगत 2 मार्च 2022 को जल जंगल जमीन बचाने हसदेव आरण्य बचाव संघर्ष समिति के लोग व अन्य आदिवासी वर्ग के लोगो द्वारा विरोध किया गया । जिसमें वन अधिकार पत्र एवं मुआवजा के सम्बंध में sdm व तहसीलदार को ज्ञापन सौंप अपनी बात रखी थी ।
अब पेडो की कटाई के बाद पूरा क्षेत्र वीरान नजर आ रही है ।
सदमे में उदयपुर की जनता
पेडो की कटाई से उदयपुर की जतना को सता रही पर्यावरण प्रदूषण व जन जीवन का अर्थोपार्जन का डर शता रही है । वनों की कटाई से उदयपुर की गरीब जनताओं को अपने व अपने बच्चों की भविष्य की चिंता सताने लगी है । अधिकांश लोग इस जंगल से आश्रित थे जंगल होने से पूरे क्षेत्र में सुध वातावरण बनी रहती थी पर अब उदयपुर का जंगल मैदान बन चुकी है
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सोशल मीडिया विकाश कुमार गुप्ता ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण पर उल्टा चल रही है मोदी सरकार?
जिस तरह अडानी को फायदा पहुचाने उदयपुर की जनता व पशुओं को नुकसान पहुचाने की नीति मोदी सरकार नई की है वह बड़ी ही निंदनीय है ।
सवाल उठता है कि क्या कुसूर है उन गरीबो की उन जंगली जानवरों की उन मजदुरों की जिनकी अर्थोपार्जन का साधन ही जंगल है वन्य जीवों को आवास से बेघर कर दिए उनका भोजन छीन लिए अब अन्य जीव जाय तो कहा जाय सबसे बडी सवाल है ।
प्रसाशन को इसका जवाब देना होगा । उन वन्य जीवों का आशियाना उजाड़ने का कोई हक किसी का नही है । जिसे मोदी सरकार ने अडानी को फायदा पहुचाने के लिए किया जो बेहद निराशाजनक है । पर्यावरण को दूषित करने का काम मोदी सरकार ने की है । वनों की कटाई से भविष्य में खतरा बढ़ते जा रही है । ।मोदी सरकार पर्यावरण का ख्याल न रख कर व्यापार को प्राथमिकता देना घातक साबित होगा । अगर आप व्यापार को बढ़ावा जिस तरह दे रहे हैं उसी प्रकार पर्यावरण पर उससे ज्यादा ध्यान देना चाहिए ।
कब लगेगी 2 गुना पौधा
जिस तरह पेडो की कटाई का प्रावधान हैं उसी तरह पेड़ लगाने का भी प्रावधान होता है ।
एक तैयार पौधे को आसानी से काट दिया जाता है उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उसी तरह पेड़ को लगाना भी चाहिए । सरकार जिस तरह नए नए नियम बना रही है उसी तरह उद्योगों के लिए भी नियम बनाने की आवश्यकता है । जब तक पौधा तैयार न ही जाय तब तक पेड़ो की कटाई पर पूर्णतः प्रतिबंधित कर देना चाहिए ।