सूरजपुर| सूरजपुर लोक निर्माण विभाग का करोड़ो की लागत से बन रहे छात्रावास जिसे लगभग 5 से 6 वर्ष लग जा रहा है परंतुआज तक छात्रावास पूर्ण नही हो पाया है छात्रावास कब तक पूर्ण हो पाएगा अभी-तक पता नही चल पाया है ना ही इस कार्य को कौन एस डी ओ एवं इंजीनियर दे रहे हैं।
गुडवत्तावीहीन सामग्री का उपयोग
ठेकेदार के द्वारा छात्रावास भवन में लाइम स्टोन की घटिया डस्ट में स्थानीय नालों की मिट्टीनुमा रेत मिलाकर ईंटों की जुड़ाई श्रमिकों के द्वारा की गई। ईंटों की जुड़ाई के लिए लगाए जाने वाले मसाले में राखड़ युक्त डेड सीमेंट की मात्रा अधिक है। इतना ही नहीं बिल्डिंग की बीम और पिलर में लो क्वॉलिटी (कम शुद्धता) तथा कम एमएम (मोटाई) वाले सरिया लगाए गए हैं। कार्य के स्टीमेट अनुसार पिलर में मजबूती के लिए निर्धारित मात्रा एवं मोटाई का सरिया नहीं डाला गया। निर्माण कार्य में लीपापोती अधिकारियों और ठेकेदार के द्वारा शासन से प्राप्त बजट का बंदरबांट किया जा रहा है।
क्या होगा उन छात्रों का ?
उन छात्रों के बारे में अधिकारी और ठेकेदारों को थोड़ा तो सोचना चाहिए जिन्हें इस छात्रावास में रहना है, घटिया निर्माण के कारण उनके साथ अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? इस बारे में सोचकर कलेजा काँप उठता है।
क्या बोले PWD के अधिकारी
छात्रावास निर्माण के गुणवत्ता और पुर्ण कब होगी पुछे जाने पर लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता महादेव लहरे ने कहा की अभी कार्य चल रहा है, अभी तक दो से तीन ठेकेदार चेंज हो चुके हैं। एक जिम्मेदार अधिकारी से ऐसे गोल-मोल जबाब सुनकर लगता है कि पी.डब्ल्यू.डी के मिली भगत से गुडवत्ताहींन कार्य कराया जा रहा है।