उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि समाज के कमजोर तबके के लोगों को कानूनी सहायता से इनकार उनके सामने अस्तित्व संबंधी चुनौती पैदा कर देता है. सकारात्मक पहल और नीतियों के जरियों कमजोर वर्गों के सामने आने वाली ऐसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें औपनिवेशिक अतीत की बेड़ियों को त्यागना चाहिए और उन ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए, जिसके चलते समाज में आज भी अन्याय और असमानता कायम है.
वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ ‘कानूनी सहायता तक पहुंच: ग्लोबल साउथ के सामने चुनौतियां और अवसर” विषय पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित पहली रीजनल कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “अब भारत के उदाहरण को फॉलो करने का वक्त आ गया है. हमारा देश प्रक्रिया इस प्रक्रिया में है, और कई कानून संसद में विचाराधीन हैं जो हमारे दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव लाएंगे. दंड विज्ञान व प्रक्रिया में शोषणकारी प्रावधानों पर पूरी तरह से अंकुश लगाएंगे.’
CJI चंद्रचूड़ जाति व्यवस्था और आरक्षण पर क्या बोले? क्यों दिया चश्मे वाला उदाहरण
मिशन मोड में काम कर रहे CJI
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की तारीफ करते हुए कहा, ”मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, विशेष रूप से हाशिए के लोगों को कानूनी सहायता की उपलब्धता और आसानी से न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में हैं…’
उप राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि सीजेआई ने पिछले एक साल में किस तरीके से तमाम नए कदम उठाए और बदलाव किया, जो समाज के कमजोर वर्गों के लिए कानूनी सहायता और न्याय प्रणाली तक आसान पहुंच को बढ़ावा देने में गेम चेंजर साबित हुई है.
कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ( Law Minister Arjun Ram Meghwal), सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) के अलावा सुप्रीम कोर्ट के तमाम जज और अधिकारी मौजूद थे.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 09:16 IST